आदरणीय अन्ना जी,
प्रणाम!
सफलता का एक कोई पथ नहीं, विफलता कि गोद में भी जीत है!
हार कर भी जो नहीं हारा कभी, सफलता उस के हृदय का गीत है!!
सादर शुभ कामनाओं सहित!
प्रणाम!
मैं यह पत्र आप को महेंद्र गढ़ जिले के तमाम सामाजिक कार्यकर्ताओं, संगठनों व आम जनता की और से लिख रहा हूँ. 16 अगस्त 2011 को आप के नेतृत्व में शुरू हुआ आजादी का यह दूसरा आन्दोलन अब जन-जन के मानस तक पहुँच चुका है. परन्तु पिछले 64 वर्षों में संसद व विधानसभाओं में पहुंचे राजनैतिक लोगों ने जो भ्रष्टाचारी, शोषक व अन्याय पूर्ण व्यस्था कायम की है उसे ये लोग इतनी आसानी से टूटने नहीं देंगे. जैसा की कल सर्वदलीय बैठक में काजू कुतरते हुए सरकार व अन्य दलों के नुमायिन्दों ने साबित कर दिया. इस व्यस्था को तोड़ने के लिए तो लम्बे संघर्ष की जरूरत है जिस के लिए आप का नेतृत्व अति महत्वपूर्ण है. आप के 10 दिन के इस अनशन ने पूरे देश को झकझोर दिया है व आम जनता को संगठित कर दिया है. जनता आज व्यस्था परिवर्तन के लिए बेचैन है. इस बेचैन जनता को पथ भ्रमित होने से रोकने व आन्दोलन को सही राह पर बनाये रखने के लिए आप के नेतृत्व की अति आवश्यकता है. पूरा देश आप के स्वास्थ्य को ले कर चिंतित है. अतः हम सभी आप से अनुरोध करते हिं कि इन परिश्थियों में आप अपना अनशन समाप्त करें व इस भ्रष्ट व्यस्था परिवर्तन हेतु आगे के संघर्ष के लिए देश का मार्ग दर्शन करें.
हार कर भी जो नहीं हारा कभी, सफलता उस के हृदय का गीत है!!
सादर शुभ कामनाओं सहित!
समस्त सामाजिक कार्यकर्ता एवं महेंद्रगढ़(हरियाणा)की जनता