लीजिए
साहब पेश है हमारे नए नवेले विधायक द्वारा नया नवेला पत्थर! नारनौल शहर में कहीं
भी निकल जाओ या गाँव की गलियों में चले जाओ हर गली में पत्थर लगे हैं। वो अलग बात
है कि उन पर पूर्व विधायक का नाम लिखा है।
अगर शहर की गलियों में दिन भर घूमा जाए तो
ऐसा लगता है जैसे कि पूर्व विधायक सड़क बनाने का ही काम करते हों। अगर इन शिला
स्तंभों से ईंटें निकाल कर सड़क बनायीं जाए तो एक वार्ड की और यदि शिलालेख उखाड़ कर बनाई
जाए तो एक पूरे महल्ले की सड़कें बन जाएँ। बहरहाल मैं यहाँ पर पूर्व विधायक का बखान
नहीं करना चाहता मेरी चिंता इन शिलालेखों पर होते फिजूलखर्च को ले कर है। सड़क,
बिजली, पानी ये तो मूलभूत जरूरते हैं इन्हें तो पूरा करते हुए शर्म आनी चाहिए कि
आजादी के इतना बरसों बाद भी हम इन पर पर नहीं पा सके शिलान्यास तो इस शर्मिंदगी में कोढ़ में खाज की
तरह है। एक सड़क पक्की करवा कर ऐसा क्या विकास का तीर मार लिया जाता है ये समझ से
परे है। भ्रष्ट परिषद् को तो किसी न किसी को ‘टमूरना’ है ताकि खीर पकती रहे और
चक्की चलती रहे। लाजमी है कि नए नवेले विधायक से शिलान्यास करवाने का ये कदम नयी
ब्याहता के हाथ की खीर में अपना हिस्सा पक्का करवाने के प्रयास जैसा है क्योंकि 15
दिन पुराने विधायक का निश्चित तौर पर ही सड़क निर्माण में कोई योगदान नहीं हो सकता,
आखिर एक सड़क को बनने में ही 15 दिन से ज्यादा का समय लग जाता है घोंघे की गति से
चलने वाली सरकारी फाईलों का तो कहा ही क्या जाए। यह भी सब जानते हैं कि इस नयी बनी
सड़क को यही परिषद् किसी न किसी बहाने तोड़ देगी ताकि न तो इसमें इस्तेमाल हुई
सामग्री पर कोई आवाज उठे और न ही निर्माण प्रक्रिया पर अगर बचा रह जाएगा तो यह
शिलालेख। जो भी हो इन पंक्तियों का कारण न तो विधायक महोदय को प्रचार कर वाही-वाही
लूटने से रोकने का है और न ही उन्हें बदनाम करने का, अपितु प्रदेश की जनता बीजेपी
सरकार के रूप में एक उम्मीद देख रही है और वही पुराने गलियाँ-नालियां पक्की करवा
शिलान्यासों की तस्वीरें खिंचवाने के काम होते रहे तो फिर ढ़ाक के तीन पात ही रहने
वाले हैं। एक बार को भूल जाईए शिलान्यास में प्रयुक सामग्री के खर्चे को जरा
सोचिये विधायक, उपायुक्त और अन्य अधिकारियों के कीमती समय के बारे में! शिलान्यास
एक परंपरा है, जरूर कायम रहनी चाहिए परन्तु एक निश्चित बजट से कम की परियोजनाओं के
लिए शिलान्यास पर रोक लगनी चाहिए। उम्मीद है कि नयी सरकार का ध्यान इस बेकार की
शोशेबाजी की तरफ जाएगा और यह तमाशा बंद किया जाएगा और उस से पहले हमारे विधायक
अपने स्तर पर इसे बंद करेंगे।
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