poems

Tuesday 14 August, 2012

My Reply to Kejariwal's Letter


माननीय अरविन्द जी,
आप का पत्र शायद लोगों के लिए कोई बहुत बड़ा आँख खोलने वाला कदम हो फिर भी मैं आप के प्रयास की सराहना करता हूँ! अन्ना जी के आन्दोलन में जो लोग अनवरत लगे रहे उन में शामिल होने की कोशिश मैं भी करता रहा हूँ| हम नारनौल के कुछ साथी यहाँ पर भ्रष्टाचार के खिलाफ इस जंग में अपना योगदान जैसे हो सका देते आये  हैं| आप नारनौल आये थे तथा हम लोगों ने प्रयास किया कि कार्यक्रम सफल हो| शायद अन्ना जी का चमत्कार और आप का त्याग इतना बलशाली था की हम ने लोगों को ये कहते सुना की ऐसी रैली नारनौल में देवीलाल के बाद अब हुयी है| जंतर मंतर पर चल रहे अनशन के दौरान हम लोगों ने नारनौल में भी धरना अनशन पूरे समय जरी रखा| आप लोगों का अनशन समाप्त करने का फैसला अप्रत्याशित था और  बड़ी असमंजस की स्थिति थी! व्यक्तिगत रूप से मैं दो दिन तक खुद को संयत नहीं कर पाया था| मुझे जैसे ही कोई मिलता या अभिवादन करता तो मुझे लगता की ये सोच रहा है कि अब कुछ दिन बाद मैं इस से वोट मांगने आऊंगा! ऐसा लगा कि वो नैतिक बल जो अब तक था कमजोर पड़ने लगा| हम सभी साथियों ने सारी स्थिति पर दो दिन सोचने के बाद चर्चा की| इस चर्चा में 30 लोग शामिल थे जिन में महिलाएं भी थीं| 30 में से 22 ने पार्टी बनाने का समर्थन किया और 8 लोग पार्टी के खिलाफ थे| परिणाम को उत्साहवर्धक कहा जा सकता है परन्तु चिंताजनक बात यह है कि जो लोग पार्टी बनाने के  खिलाफ थे वे सभी अति सक्रिय स्वयं सेवक हैं| मैं भी उन में से  एक था परन्तु मेरा कहना यह भी था कि देश को राजनैतिक विकल्प कि जरूरत तो है ही| सवाल ये था कि ये होगा कैसे! इसी बीच अन्ना जी का ब्लॉग आया| जाने उस का सही-सही मतलब क्या था पर मुझे इस से एक नयी ऊर्जा मिली| मुझे लगा कि उन का कहना है कि राजनैतिक रूप से शामिल हो कर भी इस आन्दोलन को इसी तरह चलाते रहो! मुझे समझ में आया कि जरूरी नहीं कि अन्ना पार्टी में शामिल ही हुआ जाये बल्कि लोगों को जागरूक करें कि अच्छे लोगों को राजनीति में ले कर आयें! हम कुछ साथी नारनौल शहर तथा महेंद्र गढ़ जिले के गांवों में IAC के बैनर तले लोगों को जागरूक करने का अभियान चला रहे हैं| पहले आप के नारनौल कार्यक्रम और फिर अनशन की  वजह से यह काम स्थगित हो गया था! इस में हम लोग प्रोजेक्टर के माध्यम से छोटी छोटी फ़िल्में दिखाते हैं जैसे कि 'हिवरे बाज़ार' और 'जन लोकपाल' पर|  इस के अलावा हम ने स्वच्छ राजनैतिक व्यवस्था, वोट प्रणाली, वंशवाद, भ्रष्टाचार अदि पर भी कुछ स्लाईड तैयार की हैं! नयी और बदली हुयी परिस्थिति में हम इन में और परिवर्तन करेंगे!
आप ने अपने पत्र में कुछ सवाल उठाये हैं| लाज़मी हैं और हर सक्रिय कार्यकर्त्ता के दिल में उठ रहे हैंएक हरियाणवी  बुजुर्ग कि भाषा में कहूँ तो अब तक का काम तो सरकार की  कढ़ी बिगाड़ने का था असली काम तो अब है
जैसे  कि मैंने बताया कि हम प्रोजेक्टर तथा छोटे लेकिन प्रभावशाली भाषणों के मिश्रण से जागरूकता अभियान चला रहे हैं | हमारा ध्यान सब से पहले स्थानीय स्तर के चुनाव पर है | पंचायत एवं वार्ड स्तर पर सभी को पता है कि कौन इमानदार है और कौन बेईमान | हमारा प्रयास है कि हर वार्ड या पंचायत से दस इमानदार आदमी चुने जाएँ | और उन दस लोगों को प्रोत्साहित किया जाये कि किसी इमानदार आदमी को चुनाव में खड़ा करें और उस का सहयोग करें
हम प्रयास करेंगे कि उन से चुनाव घोषणा पत्र के जैसा एक undertaking  लिया जाये यानि कि ये घोषणा पत्र जनता के  द्वारा  तैयार किया जायेगा कि उम्मीदवार की तरफ से होगा| उस घोषणा पत्र में यह प्रयास होगा कि हमारा प्रतिनिधि पारदर्शी तरीके से काम करे| ग्राम सभा तथा वार्ड सभा की मीटिंग नियमित हो| सार्वजानिक रूप से आय तथा तथा व्यय का खर्च प्रदर्शित किया जाये | योजनाओं पर आम सहमति से कार्य हो| हमारा मानना है कि यदि हम स्थानीय स्तर की गंदगी साफ़ करने में कामयाब रहे तो विधानसभा और संसद भी साफ़ हो जाएँगी| एक या दो दिन में हम अपना कार्यक्रम फिर से शुरू  कर देंगे और इस बार वे दस लोग खोजने का अभियान भी साथ साथ चलेगा|
आप ने अन्य प्रश्न भी उठाये हैं परन्तु हम लोग तो अभी इतना ही सोच पाए हैं अतः सभी सवालों के बार में बात करने के लिए क्षमा चाहूँगा|

शुभेच्छु 
राकेश चौहान
इंडिया अगेंष्ट करप्शन
नारनौल हरियाणा