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Thursday 17 March, 2011

महान नागरिक महान देश

        कहीं पढ़ा था "मानव संस्कृति का अंत ये होगा की एक दिन ये सभ्यता से घुट मरेगी!"  
           पहले  भूकंप  और फिर  सुनामी, प्रकृति ने जापान की तो जैसे बखिया उधेड़ कर रख दी! दस हज़ार तो आधिकारिक रूप से मर गए और लाखों लापता! और उस के बाद कोढ़ में खाज की तरह नयूक्लेअर रिसाव! जापान दुनिया का एक अकेला ऐसा देश है जिस ने नयूक्लेअर ताकत की विभीषिका को झेला है! और हैरत की बात ये है कि दुनिया जापान के मामले में कोई ख़ास हमदर्दी नहीं दिखा रही! शायद इस लिए कि जापान दूसरे देशों की तरह बेचारा देश नहीं है!सब को लगता है कि जापानियों की संघर्ष करने की जबरदस्त आदत थोड़े ही समय में उसे फिर से ला खड़ा करेगी जैसा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद हुआ!बर्बाद होने के बावजूद  फिर  से कुछ ही सालों में अपने आप को सब से बड़ी तकनीकि  महाशक्ति  और  अमेरिका के बाद दूसरे नंबर की इकोनॉमी  के रूप में ला खड़ा किया! जरा गौर से देखिये की कितना बड़ा हादसा हो गया है और जापान में कोई हाय तौबा नहीं है! जरा सोचिये हमारे यहाँ या फिर पाकिस्तान या बांग्लादेश होने वाले हादसों के बारे में!कैसी अफरातफरी रहती है! मुझे  याद है भुज का भूकंप, दुर्भाग्य से या संयोग से मैं वहीँ था  कितने लोगो  की आवाज दो दिन तक मलबे से आती रही और फिर खामोश हो गयी, उन्हें बचाया न  सका !और फिर देश विदेश से आयी राहत सामग्री! पर बांटने का कोई सही तरीका नहीं काफी दिन तक सब सड़ता रहा और फिर बांटने का का  काम  आया  उन्हीं  सरकारी चोरों के हाथ में! कुदरत की मार से जागी  मानवता फिर से सो गयी!राहत ऐसे चल रही थी जैसे पानी बहता है पहले अधिकारियों  के घर भरे और फिर माल बह के चला कर्मचारियों के घरों की तरफ और फिर लूट खसोट! राहत  सामग्री  के  ट्रक के ट्रक  हज़म    कर लिए गए!  लूट-खसोट तो  उन  चोरों  ने  भी की  जो हर आपदा में राहत से भी पहले पहुँच जाते हैं और फिर शवों  पर से गहने उतारने और टूटे घरों से चोरी  करने  जैसे  भी वाकिये  हुए!  ये तो शुक्र था की घटना गुजरात में हुयी थी जो बाकी जगह से सुरक्षित है यही अगर दिल्ली से पूर्व दिशा  राज्यों  में हुआ होता तो हाल न जाने क्या होते हालाँकि विदेशी राहतकर्मियों और कुछ NGO ने अच्छा  काम किया पर  सरकारी अमला तो वही करता रहा जो कि उस से उम्मीद थी!     
           जापान में जैसे  सब बर्बाद हो गया है पूरे देश पर रेडीएशन का खतरा है पर जापान लड़ रहा है जापानी लड़ रहे हैं! कोई अराजकता नहीं, चोरी नहीं, दुकानों में लूट मार नहीं और पूरा विश्व हैरत से देख रहा है! सच है किसी भी देश को उस के नागरिक ही महान बनाते हैं! हे महान देश जापान तुझे सलाम!!!!!

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