poems

Sunday 23 October, 2011

जन लोकपाल जागरण यात्रा का उद्देश्य

आज हर सरकारी काम के लिए रिश्वत देनी पड़ती है !
शिक्षा तथा इलाज के लिए रिश्वत !
जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए रिश्वत !
जमीन की रजिस्ट्री के लिए रिश्वत !
पटवारी से कोई भी काम करवाने के लिए रिश्वत !
बिजली पानी के कनेक्शन के लिए रिश्वत !
पुलिस को कार्रवाई के लिए रिश्वत !
न्याय पाने के लिए रिश्वत !
नौकरी पाने के लिए रिश्वत !
लोन लेने के लिए रिश्वत !
तहसील में तो हर काम के लिए पैसा लगता है !
यहाँ तक कि मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने केलिए भी पैसा देना पड़ता है !
यही नहीं जन प्रतिनिधि भी अपनी जेबें भरने में लगे हैं ! हमारे विकास के लिए आया पैसा हमारे द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि ही खा जाते हैं । पंच, सरपंच, पार्षद, प्रधान, विधायक, सांसद से ले कर मंत्री और कर्मचारी से ले कर अधिकारी तक सभी जनता का पैसा खाने में लगें हैं ।
क्यों नहीं होती कार्रवाई ? सब जानते हैं कि हम लोगों से रिश्वत में लिया गया पैसा कर्मचारी से शुरू हो कर मंत्री और राजनीतिक पार्टियों तक जाता है । अगर कोई पीड़ित शिकायत करता है तो सुनवाई नहीं होती बल्कि शिकायत कर्ता को ही परेशान किया जाता है।
क्या है समाधान? भ्रष्टाचार की इस समस्या का समाधान है लोकपाल।
लोकपाल आखिर है क्या? लोकपाल एक संस्था है जो कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाएगा ।
क्या करेगा लोकपाल? लोकपाल सरकारी पदों पर बैठे भ्रष्टाचारियों और रिश्वतखोर कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा ।
तो फिर लोकायुक्त क्या है? जैसे केंद्र के कर्मचारियों के खिलाफ लोकपाल कार्रवाई करेगा उसी तरह की संस्था राज्यों में लोकायुक्त होगा जो राज्य के भ्रष्ट कर्मचारियों पर कार्रवाई करेगा ।
जब लोकपाल होगा तो लोकायुक्त किस लिए? आम आदमी को किस से समस्या है? आप से रिश्वत कहाँ मांगी जाती है? तहसील में, पुलिस थाने में, लोन पास करवाने में, लाईसेंस और परमिट बनवाने में, बिजली कनेक्शन लेने में, फर्द बनवाने में, डोमिसाइल बनवाने में, ये सभी काम राज्य सरकार के कर्मचारी करते हैं । इस लिए जैसे केंद्र में लोकपाल जरूरी है उसी तरह राज्यों में लोकायुक्त जरूरी है क्यों कि आम आदमी तो राज्यों के कर्मचारियों के भ्रष्टाचार से ही ज्यादा परेशान है इस लिए लोकायुक्त होना तो और ज्यादा जरूरी है।
हरियाणा में जब लोकायुक्त है तो फिर जनलोकायुक्त की मांग किस लिए? हाँ हरियाणा में लोकायुक्त है, परन्तु यह लोकायुक्त प्रदेश की जनता के साथ धोखा है । इस लोकायुक्त के पास न तो जरूरी अधिकार हैं और न ही स्टाफ । आप ही सोचिये हरियाणा में लोकायुक्त नियुक्त हुए लगभग सात साल हो गए परन्तु क्या भ्रष्टाचार में कोई कमी आई ? क्या आप को कोई परिवर्तन नज़र आ रहा है? ऐसा सिर्फ और सिर्फ इस लिए है कि लोकायुक्त के पास ऐसे अधिकार ही नहीं हैं कि वो भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई कर सके । इसलिए ये जरूरी है कि हरियाणा के लोकायुक्त में अन्ना हजारे जी द्वारा प्रस्तावित जन लोकायुक्त के प्रावधान शामिल किये जाएँ ताकि आम जन की शिकायतों को सुना जाये, निष्पक्ष न्याय मिले और कोई भी भ्रष्टाचारी बिना सजा के न बचे और आप का हर काम बिना रिश्वत के हो । भ्रष्टाचार से आजादी की मुहिम को अन्ना जी ने देश के जन-जन तक तो पहुँचा दिया है अब उसे हम सभी को मिल कर आगे बढ़ाना है । भ्रष्टाचार के खिलाफ यह अभियान किसी विशेष व्यक्ति या संस्था का नहीं है । बल्कि यह लडाई हम सब की है । हमें एकजुट हो कर खड़ा होना पड़ेगा ताकि हम आने वाली पीढ़ियों को भ्रष्टाचार मुक्त भारत दे सकें । ये आखिरी मौका है और इस बार चूकना नहीं है । आईए सभी इस आन्दोलन में अपना सहयोग दें।

No comments:

Post a Comment

your comment please